स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading):
• स्विंग ट्रेडिंग में डिलीवरी लेकर कम समयवाले रेसिस्टन्स और सपोर्ट को ध्यान रखकर ट्रेडिंग करना पड़ता है।
उदा. दिर्घ समयवाला ट्रेन्ड नीचे होने पर भी पुलबॅक दर्शानेवाले शेअर्स में कम समय के लिए याने की २-४ दिनों में बढ़त की जो संभावना होती हैं। उससे डिलीवरी लेकर बढ़ते हुए रेसिस्टन्स के नजदीक मुनाफा बुक किया जा सकता है। शेअर्स की चाल में कम समय में ऐसा स्विंग आया हुआ नज़र आता है। जिसका फायदा लिया जा सकता है।
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